Fascination About shiv chalisa in hindi

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

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मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो more info कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

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सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता more info पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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